24 जुलाई 1934: ब्रेख्त की स्टडी की छत को सहारा देने वाली बीम पर ये शब्द पेंट से लिखे हुए हैं: 'सत्य ठोस है।' खिड़की की चौखट पर एक छोटा लकड़ी का गधा, जिसका सिर हिलता है, खड़ा है। ब्रेख्त ने उसके गले में एक छोटी-सी तख़्ती लटका रखी है जिस पर उसने लिखा है: 'इतना तो मुझे भी समझना चाहिए।'
Walter Benjamin, Conversations with Brecht
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